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राजस्थान की नदियाँ | राजस्थान सामान्य ज्ञान नोट्स

इस पोस्ट में आपको राजस्थान सामान्य ज्ञान का महत्वपूर्ण टॉपिक राजस्थान की नदियाँ (Rajasthan ki Nadiyan) को अच्छे से  समझाया गया है | दोस्तों  ये प्रकरण आपको उन सभी परीक्षाओं जैसे BSTC (Pre D.El.Ed.), PTET, Patwar, Police, RAS, Sub-Inspector (SI) आदि परीक्षाओं के लिए बहुत उपयोगी है |

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Rajasthan ki nadiyan notes

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राजस्थान की नदियाँ के हिंदी नोट्स

चम्बल नदी :

इस नदी का प्राचीन नाम चर्मावती है। कुछ स्थानों पर इसे कामधेनु भी कहा जाता है। यह नदी मध्य प्रदेश के मऊ के दक्षिण में मानपुर के समीप जनापाव पहाड़ी (616 मीटर ऊँची) के विन्ध्यन कगारों के उत्तरी पार्श्व से निकलती है। अपने उदगम् स्थल से 325 किलोमीटर उत्तर दिशा की ओर एक लंबे संकीर्ण मार्ग से तीव्रगति से प्रवाहित होती हुई चौरासीगढ़ के समीप राजस्थान में प्रवेश करती है। यहां से कोटा तक लगभग 113 किलोमीटर की दूरी एक गार्ज से बहकर तय करती है। चंबल नदी पर भैंस रोड़गढ़ के पास प्रख्यात चूलिया प्रपात है। यह नदी राजस्थान के कोटा, बून्दी, सवाई माधोपुर व धौलपुर जिलों में बहती हुई उत्तर-प्रदेश के इटावा जिले मुरादगंज स्थान में यमुना में मिल जाती है। यह राजस्थान की एक मात्र ऐसी नदी है जो सालोंभर बहती है। इस नदी पर गांधी सागर, राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर और कोटा बैराज बांध बने हैं। ये बाँध सिंचाई तथा विद्युत ऊर्जा के प्रमुख स्रोत हैं। चम्बल की प्रमुख सहायक नदियों में काली, सिन्ध, पार्वती, बनास, कुराई तथा बामनी है। इस नदी की कुल लंबाई 165 किलोमीटर है। यह राजस्थान में कुल 376 किलोमीटर तक बहती है।

काली सिंध :

यह चंबल की सहायक नदी है। इस नदी का उदगम् स्थल मध्य प्रदेश में देवास के निकट बागली गाँव है। कुछ दूर मध्य प्रदेश में बहने के बाद यह राजस्थान के झालावाड़ और कोटा जिलों में बहती है। अंत में यह नोनेरा (बरण) गांव के पास चंबल नदी में मिल जाती है। इसकी कुल लंबाई 278 किलोमीटर है।

बनास नदी :

बनास एक मात्र ऐसी नदी है जो संपूर्ण चक्र राजस्थान में ही पूरा करती है। बनास अर्थात (वन की आशा) के रुप में जानी जाने वाली यह नदी उदयपुर जिले के अरावली पर्वत श्रेणियों में कुंभलगढ़ के पास खमनौर की पहाड़ियों से निकलती है। यह नाथद्वारा, कंकरोली, राजसमंद और भीलवाड़ा जिले में बहती हुई टौंक, सवाई माधोपुर के पश्चात रामेश्वरम के नजदीक (सवाई माधोपुर) चंबल में गिर जाती है। इसकी लंबाई लगभग 480 किलोमीटर है। इसकी सहायक नदियों में बेडच, कोठरी, मांसी, खारी, मुरेल व धुन्ध है।

i. बेडच नदी 120 किलोमीटर लंबी है तथा गोगंडा पहाड़ियों (उदयपुर) से निकलती है।
ii. कोठारी नदी उत्तरी राजसामंद जिले के दिवेर पहाड़ियों से निकलती है। यह 145 किलोमीटर लंबी है तथा यह उदयपुर, भीलवाड़ा में बहती हुई बनास में मिल जाती है।
iii. खारी नदी 80 किलोमीटर लंबी है तथा राजसामंद के बिजराल की पहाड़ियों से निकलकर देवली (टौंक) के नजदीक बनास में मिल जाती है।

बाणगंगा :

इस नदी का उदगम् स्थल जयपुर की वैराठ की पहाड़ियों से है। इसकी कुल लंबाई 380 किलोमीटर है तथा यह सवाई माधोपुर, भरतपुर में बहती हुई अंत में फतेहा बाद (आगरा) के समीप यमुना में मिल जाती है। इस नदी पर रामगढ़ के पास एक बांध बनाकर जयपुर को पेय जल की आपूर्ति की जाती है।

पार्वती नदी :

यह चंबल की एक सहायक नदी है। इसका उदगम् स्थल मध्य प्रदेश के विंध्यन श्रेणी के पर्वतों से है तथा यह उत्तरी ढाल से बहती है। यह नदी करया हट (कोटा) स्थान के समीप राजस्थान में प्रवेश करती है और बून्दी जिले में बहती हुई चंबल में गिर जाती है।

गंभीरी नदी :

110 किलोमीटर लंबी यह नदी सवाई माधोपुर की पहाड़ियों से निकलकर करौली से बहती हुई भरतपुर से आगरा जिले में यमुना में गिर जाती है।

लूनी नदी :

यह नदी अजमेर के नाग पहाड़-पहाड़ियों से निकलकर नागौर की ओर बहती है। यह जोधपुर, बाड़मेर और जालौर में बहती हुई यह गुजरात में प्रवेश करती है। अंत में कच्छ की खाड़ी में गिर जाती है। लूनी नदी की कुल लंबाई 320 किलोमीटर है। यह पूर्णत: मौसमी नदी है। बलोतरा तक इसका जल मीठा रहता है लेकिन आगे जाकर यह खारा होता जाता है। इस नदी में अरावली श्रृंखला के पश्चिमी ढाल से कई छोटी-छोटी जल धाराएँ, जैसे लालरी, गुहिया, बांड़ी, सुकरी जबाई, जोजरी और सागाई निकलकर लूनी नदी में मिल जाती है। इस नदी पर बिलाड़ा के निकट का बाँध सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है।

मादी नदी :

यह दक्षिण राजस्थान मुख्यत: बांसबाड़ा और डूंगरपुर जिले की मुख्य नदी है। यह मध्य प्रदेश के धार जिले में विंध्यांचल पर्वत के अममाऊ स्थान से निकलती है। उदगम् से उत्तर की ओर बहने के पश्चात् खाछू गांव (बांसबाड़ा) के निकट दक्षिणी राजस्थान में प्रवेश करती है। बांसबाड़ा और डूंगरपूर में बहती हुई यह नदी गुजरात में प्रवेश करती है। कुल 576 किलोमीटर बहने के पश्चात् यह खम्भात की खाड़ी में गिर जाती है। इसकी प्रमुख सहायक नदियों में सोम, जाखम, अनास, चाप और मोरन है। इस नदी पर बांसबाड़ा जिले में माही बजाज सागर बांध बनाया गया है।

धग्धर नदी :

यह गंगानगर जिले की प्रमुख नदी है। यह नदी हिमालय पर्वत की शिवालिक श्रेणियों से शिमला के समीप कालका के पास से निकलती है। यह अंबाला, पटियाला और हिसार जिलों में बहती हुई राजस्थान के गंगानगर जिले में टिब्वी के समीप उत्तर-पूर्व दिशा में प्रवेश करती है। पूर्व में यह बीकानेर राज्य में बहती थी लेकिन अब यह हनुमानगढ़ के पश्चिम में लगभग 3 किलोमीटर दूर तक बहती है।
हनुमानगढ़ के पास भटनेर के मरुस्थलीय भाग में बहती हुई विलीन हो जाती है। इस नदी की कुल लंबाई 465 किलोमीटर है। इस नदी को प्राचीन सरस्वती के नाम से भी जाना जाता है।

काकनी नदी :

इस नदी को काकनेय तथा मसूरदी नाम से भी बुलाते है। यह नदी जैसलमेर से लगभग 27 किलोमीटर दूर दक्षिण में कोटरी गाँव से निकलती है। यह कुछ किलोमीटर प्रवाहित होने के उपरांत लुप्त हो जाती है। वर्षा अधिक होने पर यह काफी दूर तक बहती है। इसका पानी अंत में भुज झील में गिर जाता है।

सोम नदी :

उदयपुर जिले के बीछा मेड़ा स्थान से यह नदी निकलती है। प्रारंभ में यह दक्षिण-पूर्व दिशा में बहती हुई डूंगरपूर की सीमा के साथ-साथ पूर्व में बहती हुई बेणेश्वर के निकट माही नदी से मिल जाती है।

जोखम :

यह नदी सादड़ी के निकट से निकलती है। प्रतापगढ़ जिले में बहती हुई उदयपुर के धारियाबाद तहसील में प्रवेश करती है और सोम-नदी से मिल जाती है।

साबरमती :

यह गुजरात की मुख्य नदी है परंतु यह २९ किलोमीटर राजस्थान के उदयपुर जिले में बहती है। यह नदी पड़रारा, कुंभलगढ़ के निकट से निकलकर दक्षिण की ओर बहती है। इस नदी की कुल लंबाई ३१७ किलोमीटर है।

काटली नदी :

सीकर जिले के खंडेला पहाड़ियों से यह नदी निकलती है। यह मौसमी नदी है और तोरावाटी उच्च भूमि पर यह प्रवाहित होती है। यह उत्तर में सींकर व झुंझुनू में लगभग 100 किलोमीटर बहने के उपरांत चुरु जिले की सीमा के निकट अदृश्य हो जाती है।

साबी नदी :

यह नदी जयपुर जिले के सेवर पहाड़ियों से निकलकर मानसू, बहरोड़, किशनगढ़, मंडावर व तिजारा तहसीलों में बहने के बाद गुडगाँव (हरियाणा) जिले के कुछ दूर प्रवाहित होने के बाद पटौदी के उत्तर में भूमिगत हो जाती है।

मन्था नदी :

यह जयपुर जिले में मनोहरपुर के निकट से निकलकर अंत में सांभर झील में जा मिलती है।


जिलानुसार राजस्थान की नदियां :

  • अजमेर - साबरमती, सरस्वती, खारी, ड़ाई, बनास
  • अलवर - साबी, रुपाढेल, काली, गौरी, सोटा
  • बाँसबाड़ा - माही, अन्नास, चैणी
  • बाड़मेर - लूनी, सूंकड़ी
  • भरतपुर - चम्बल, बराह, बाणगंगा, गंभीरी, पार्वती
  • भीलवाडा - बनास, कोठारी, बेडच, मेनाली, मानसी, खारी
  • बीकानेर - कोई नदी नही
  • बूंदी – कुराल
  • चुरु - कोई नदी नही
  • धौलपुर – चंबल
  • डूंगरपुर - सोम, माही, सोनी
  • श्रीगंगानगर – धग्धर
  • जयपुर - बाणगंगा, बांड़ी, ढूंढ, मोरेल, साबी, सोटा, डाई, सखा, मासी
  • जैसलमेर - काकनेय, चांघण, लाठी, धऊआ, धोगड़ी
  • जालौर - लूनी, बांड़ी, जवाई, सूकड़ी
  • झालावाड़ - काली सिन्ध, पर्वती, छौटी काली सिंध, निवाज
  • झुंझुनू - काटली
  • जोधपुर - लूनी, माठड़ी, जोजरी
  • कोटा - चम्बल, काली सिंध, पार्वती, आऊ निवाज, परवन
  • नागौर – लूनी
  • पाली - लीलड़ी, बांडी, सूकड़ी जवाई
  • सवाई माधोपुर - चंबल, बनास, मोरेल
  • सीकर - काटली, मन्था, पावटा, कावंट
  • सिरोही - प. बनास, सूकड़ी, पोसालिया, खाती, किशनावती, झूला, सुरवटाटोंक - बनास, मासी, बांडी
  • उदयपुर - बनास, बेडच, बाकल, सोम, जाखम, साबरमती
  • चित्तौडगढ़ - वनास, बेडच, बामणी, बागली, बागन, औराई, गंभीरी, सीवान, जाखम, माही।

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