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लोकदेवता बाबा रामदेवजी | राजस्थान सामान्य ज्ञान नोट्स

लोकदेवता बाबा रामदेवजी 

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लोकदेवता बाबा  रामदेव जी, राजस्थान सामान्य ज्ञान नोट्स 

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बाबा रामदेव जी का सामान्य परिचय

  • जन्मदिन : 1409
  • जन्मस्थान : उण्डू काश्मीर, शिव तहसील, बाड़मेर
  • पिता : अजमल
  • माता : मैना  दे
  • पत्नी : नेतल दे, अमरकोट पाकिस्तान निवासी
  • सवारी : लीला घोड़ा
  • अवतार : कृष्ण के अवतार
  • वंश : अर्जुन
  • जाति : राजपूत, गौत्र - तवर
  • उपाधि : पिरो के पीर
  • गुरु : बालीनाथ
  • बहन : सुगना
  • धर्म बहन : डाली भाई, जाती - मेघवाल

बाबा रामदेवजी के प्रमुख कार्य व महत्वपूर्ण बिंदु :

  • रामदेव जी ने मारवाड़ क्षेत्र में भैरव राक्षस का वध कर कर आंतक  का कोफ  से आजाद करवाया |
  • रामदेव जी ने पंच पिपली नामक स्थान पर मक्का के पांच पीरों को चमत्कार दिखाया |
  • रामदेव  जी निम्न वर्ग के उत्थान हेतु कामङिया पंथ की स्थापना की छुआछूत को समाप्त किया
  • रामदेव जी ने कुष्ठ रोग का निवारण किया
  • एकमात्र ऐसे लोक देवता जिन्होंने मूर्ति पूजा का विरोध किया इस कारण इसके पगल्ये  पूजे जाते हैं
  • रामदेव जी का प्रमुख ग्रंथ 24 बानिया है इसे बाबारी पर्ची कहा जाता है
  • रामदेव जी की बहन सुगना का विवाह पूगल गढ़ निवासी विजय सिंह के साथ हुआ इस विवाह में रामदेव जी ने पोकरण विवाह में दिया
  • रामदेव जी ने रुणिचा शहर की स्थापना की
  • रुणिचा में राम सरोवर का निर्माण रामदेव जी ने करवाया इसका जीर्णोद्धार बीकानेर के शासक गंगा सिंह ने करवाया
  • राम सरोवर के किनारे पर्चा बावड़ी स्थित है
  • रामदेव के भाई का नाम बिरमदेव था जिसे बलराम का अवतार माना जाता है
  • भारत का मिनी रामदेवरा या छोटा रामदेवरा जूनागढ़ गुजरात को कहा जाता है
  • राजस्थान का मिनी रामदेवरा खुंडियास अजमेर में स्थित है

बाबा रामदेवजी से संबधित महत्वपूर्ण शब्दवाली :

  • आंण : रामदेव जी की कसम को आंण कहा जाता है
  • पातरे : रामदेव की फुलड़ीया या काला धागा को पातरे कहा जाता है
  • जातरक  : रामदेव के पैदल यात्री को जातरक  कहा जाता है
  • बादली :  रामदेव के पैदल यात्रियों द्वारा लगाए गए जयकारा को बादली कहा जाता है
  • ताख : पगले रखने के स्थान को ताख या आलिया कहते हैं, पीले पत्थरों से निर्मित होते हैं
  • नेज्जा : धज्जा (पंचरंगी)
  • जम्मा : जागरण को जम्मा कहा जाता है
  • रिखिया : कलाकार (रामदेव का मेघवाल जाति का भगत भी रिखिया कहलाता है)
  • ब्यावले : गीत
  • देवरा : छोटा मंदिर
  • घोड़ले : कपडे के घोड़े

रामदेव जी के और भी प्रमुख पूजा स्थल

  • बिरांटिया (पाली)
  • सुरता खेड़ा (चित्तौड़गढ़)
  • कठौती (नागौर)
  • अधर रामदेव जी - मसूरिया पहाड़ी ( जोधपुर)
  • रामदेव जी ने भाद्रपद शुक्ल एकादशी 1462 में राम सरोवर के किनारे रुणिचा में जीवित समाधि ली
  • रुणिचा में प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल द्वितीय से लेकर 11 तक मेला आयोजित होता है जिसे मारवाड़ का कुंभ कहा जाता है
  • रामदेव जी से 1 दिन पहले भाद्रपद शुक्ल दशमी को डाली बाई ने जीवित समाधि ली
  • रामदेव जी की राजस्थान के बाहर सर्वाधिक मान्यता गुजरात में है
  • रामदेव जी के मेले में आकर्षण का मुख्य केंद्र तेरहताली होता है यह नृत्य कामङिया पंथ के महिलाओं द्वारा बैठकर किया जाता है
  • लोक देवता रामदेव की पड़ का वाचन करते समय रावण हत्था वाद्य यंत्र का प्रयोग किया जाता है

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